आज़मगढ़ के विद्या-रत्न

काशी की प्रसिद्ध विद्या-विभूति पं. चंद्रबली पाण्डेय यद्यपि विश्वविद्यालय सेवा से नहीं जुड़े थे, पर विश्वविद्यालय परिसर में ही अपने मित्र मौलवी महेश प्रसाद के साथ रहते थे। बाद में वे डॉ. ज्ञानवती त्रिवेदी के बँगले पर आ गये थे। पं. शान्तिप्रियजी और पं. चंद्रबली पाण्डेय आज़मगढ़ के विद्या रत्न थे और आजमगढ़ के राहुल सांकृत्यायन को अपने जनपद के पं. चंद्रबली पाण्डेय, पं. लक्ष्मीनारायण मिश्र और पं. शांतिप्रिय द्विवेदी की विद्या-साधना का सहज गर्व था। अपनी जीवन यात्रा में राहुल सांकृत्यायन जी ने अपनी भावना प्रकट की है। हैदराबाद हिंदी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष पं. चंद्रबली पाण्डेय थे

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